Saturday, 17 December 2011


                                                                  मेरी आँखें पूछें तू कँहा..?
उसी मोड़ पर खड़ी हूँ
जंहा तुम गये थे छोड़कर..
तुम्हें याद हो न हो..
पर मुझे याद है अभी तक
उस दिन बारिश हो रही थी..
तुम खड़े थे उस ओर
मैं खड़ी थी तुमसे कुछ दूर.
यूँ तो बारिश मैं भीगती रही थी
काफी देर तक..
तुम्हें देख रही थी कि
काश तुम लौट आओ
पर तुम चले गए..
ओर मैं आज तक..
उसी मोड़ पर खड़ी हूँ..
सूनी सूनी आँखे
आज भी उस मोड़ पर देखती हैं
ओर लौट आती हैं..
जब तुम्हें नही ढूंढ पाती हैं..
मेरी आँखें पूछें तू कँहा ??

alka

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