रख हौसला खुद पे...
सामने तेरे खुला आकाश है...
जीतने की कोशिश तू बस एकबार कर ले ...
रास्तें की ठोकरें क्या रोक पाएंगी तुझे?
चल उठ! अपनी जीत का आगाज कर दे..
स्वप्न जो आधे-अधूरे थे कभी...
चल जाग जा तू नींद से...
आज अपनी जीत का ऐलान कर दे,...
है कंटीली राह तो क्या?
हार कर रुकना नही है तुझे...
चल उठ!जीत का सेहरा तू अपने नाम कर ले...
अलका
अलका
प्रोतसाहन और उल्लास से भरपूर रचना ..
ReplyDeletehr sham yu hi mrti he,. hr nya svera lane ko....
ReplyDeletemeri sbhi kamnaye tumare sath he.